Uttar Pradesh News: मशहूर स्पेनिश वेब सीरीज मनी हिस्ट का नाम तो आपने सुना ही होगा. अगर आपने यह वेब सीरीज देखा हो तो आपको दो किरदार प्रोफेसर और रियो तो याद ही होगा. इन्ही दो किरदारों के नाम का इस्तेमाल कर फ्रॉड करने वाले दो शातिर साइबर अपराधियों को नोएडा साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों का असली नाम रितेश चतुर्वेदी और ऋषभ जैन है.
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‘मनी हाइस्ट’ के किरदारों पर रखे नाम
नोएडा (Noida News) साइबर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों मनी हाइस्ट के किरदार प्रोफेसर और रियो के नाम अकाउंट बनाकर कई व्हाट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम ग्रुप से जुड़े हुए थे. इन ग्रुपों के माध्यम से ये लोग लोगों का बैंक खातों का डिटेल निकाल कर खातों से करोड़ों रुपए उड़ा लिया करते थे. ऐसा ही एक घटना फेस टू इलाके में स्थित एक कंपनी के साथ हुआ था.
इस तरह करते थे ऑनलाइन ठगी
दरअसल, NSEZ में स्थित रोलेक्स एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का बैंक अकाउंट में रजिस्टर सिम को इन साइबर फ्रॉड द्वारा बंद कराकर एयरटेल कंपनी को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क यानी VPN के माध्यम से कंपनी का ईमेल हैक कर लिया था. फिर ईमेल कंपनी के बैंक खाते से 1 करोड़ का फ्रॉड कर के अलग-अलग बैंकों में ट्रांसफर कर लिया गया था.
दरअसल, कंपनी के HDFC बैंक खाते की गोपनीय जानकारी जैसे रजिस्टर मोबाइल नंबर ईमेल आईडी आदि इन फ्रॉड ने प्राप्त कर लिए थे. उसके बाद रजिस्टर मोबाइल नंबर के सिम को स्वाइप करते हुए बेनेफिशरी डिटेल जोड़ने के लिए उस सिम पर ओटीपी प्राप्त कर लिया. इसके बाद कंपनी के खाते पर रजिस्टर ईमेल को इन लोगों ने हैक करके मोबाइल OTP Bypass कर खाते के ईमेल आईडी से ओटीपी प्राप्त कर एक करोड़ रुपए का ट्रांसफर अलग-अलग बैंक खातों में कर दिया. फिर उन पैसों को क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर फर्जी वॉलेट बनाकर USDT से ट्रांसफर कर निकाल लिए.
पुलिस ने दी ये जानकारी
साइबर क्राइम थाने की इंस्पेक्टर रीता यादव ने बताया कि, ‘वादी उद्योगपति के द्वारा थाने में एक मुकदमा दर्ज करवाया गया था. उनकी कंपनी के खाते से 1 करोड़ रुपए बिना उनकी जानकारी के ट्रांसफर हो गए हैं. इस आधार पर साइबर पुलिस टीम ने जांच शुरू कर दिया था कि इस साइबर ठगो ने इनके खाते की गोपनीय जानकारी को प्राप्त कर के इनके खाते से जुड़े सिम को बंद करवा कर. नया ई सिम जनरेट कर के बेनीफेसरी ऐड करवाया फिर ईमेल को हैक कर ओटीपी प्राप्त कर एक करोड़ रुपए को अलग अलग खाते के ट्रांसफर कर लिया. ये लोग क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से निकाला करते थे. गिरफ्तार ऋषभ जैन अकाउंट की डिटेल प्रोवाइड करवाता था. वही मास्टरमाइंड रितेश चतुर्वेदी सिम को बंद करवाना और नया सिम जनरेट कर बेनेफिशरी एड करने का काम करता था.’
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