यूपी एसटीएफ ने आगरा से एफबीआई के जिस वॉन्टेड रत्नेश भूटानी को गिरफ्तार कर सीबीआई के हवाले किया है, वह भूटानी अमेरिका से भागने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े गैंगस्टर सुशील मूंछ का रिश्ते में दामाद बन गया था और गैंगस्टर से रिश्तेदारी के दम पर वह मेरठ पुलिस की नाक के नीचे आलीशान जिंदगी बिता रहा था. चर्चा तो यहां तक है कि रत्नेश भूटानी को मेरठ के जिस एनकाउंटर स्पेशलिस्ट डिप्टी एसपी ने जेल भेजा था, उससे अफसर इतना नाराज हो गए कि उस डिप्टी एसपी का तबादला कर दिया गया.
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गौरतलब है कि 1996 में कैलिफोर्निया में नौकरी करने गए रत्नेश भूटानी ने वही अमेरिकी लड़की से शादी और फिर अमेरिकी नागरिकता हासिल कर ली. मगर साल 2014 में एक नाबालिग लड़की के साथ अश्लील हरकत करने पर भूटानी पर केस दर्ज हुआ, तो वह अमेरिका छोड़कर भारत आ गया. मुंबई में रत्नेश ने सबसे पहले श्री केशव फिल्म्स के नाम से प्रोडक्शन हाउस खोला और उस के बैनर तले बोलो राम फिल्म बनाकर अपने भाई ऋषि भूटानी को लॉन्च किया.
मगर अमेरिका में दर्ज हुए केस की भनक मुंबई पुलिस को लगी, तो रत्नेश मुंबई छोड़कर मेरठ आ गया. रत्नेश ने मेरठ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे खूंखार गैंगस्टर सुशील मूंछ के रिश्ते में भतीजी, साली की बेटी, से शादी कर ली और वह सुशील मूंछ का रिश्ते में दामाद हो गया. रत्नेश ने मेरठ में अमलतास होटल खड़ा किया और अमलतास होटल और रिसॉर्ट चलाने लगा. रत्नेश ने अपने होटल अमलतास को दिल्ली के एक व्यापारी को लीज पर चलाने के लिए दे दिया.
ऐसा कहा जाता है कि कोविड की पहली लहर आई, होटल बंद हो गए तो होटल संचालक ने किराया देने से असमर्थता जताई तो रत्नेश भूटानी ने अपने किराए की वसूली के लिए सुशील मूंछ से उस व्यापारी को धमकी तक दिला दी. मामला मेरठ के कंकरखेड़ा थाने का था. मामला गैंगस्टर सुशील मूंछ से मिली धमकी का था. एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सीओ जितेंद्र कुमार ने इस मामले में जांच शुरू की, तो पता चला कि रत्नेश भूटानी सुशील मूंछ का दामाद है और इस रिश्ते के चलते सुशील मूंछ ने यह धमकी दी थी.
पुलिस ने इस मामले में रत्नेश भूटानी पर एफआईआर दर्ज की और जब सबूतों के आधार पर रत्नेश भूटानी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम गई तो उसके साथ भी रत्नेश भूटानी और उसके लोगों ने बदसलूकी की. पुलिस ने इस मामले में रत्नेश भूटानी को 2 अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर जेल भी भेज
पश्चिम उत्तर प्रदेश में चर्चा है कि जब रत्नेश भूटानी जेल से छूटा तो उसने कुछ अन्य व्यापारियों के साथ मिलकर जेल भेजने वाले सीओ जितेंद्र कुमार की शिकायत करना शुरू किया. कहते हैं कि इन शिकायतों पर ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्राइम पर पकड़ रखने वाले जितेंद्र कुमार का तबादला आजमगढ़ कर दिया गया था.
रत्नेश भूटानी और उसका अमलतास होटल मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का हर सफेदपोश नेता और रसूखदार अफसर जनता था. कहते हैं कैलिफोर्निया में दर्ज Sexual Assault के केस में जब भी एफबीआई के जरिए सीबीआई की सुगबुगाहट होती तो मेरठ पुलिस के सिपाही दरोगा रत्नेश भूटानी को मुखीबिरी कर देते थे. रत्नेश भूटानी कुछ दिनों के लिए अंडर ग्राउंड हो जाता था और फिर मामला ठंडा होने के बाद रसूखदार बनकर घूमने लगता था.
अब जब इंटरपोल के जरिए सीबीआई ने इस मामले में यूपी एसटीएफ से मदद मांगी तो यूपी एसटीएफ की मेरठ की यूनिट ने आगरा में छिपकर रह रहे रत्नेश भूटानी को गिरफ्तार कर उसके हवाले कर दिया.
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