Noida News : उत्तर भारत की सबसे ऊंची बिल्डिंग सुपरटेक की सुपरनोवा के फ्लैट खरीदारों के लिए बुरी खबर है. अब इस परियोजना की दिवालिया प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस परियोजना के लिए बैंक और महाराष्ट्र की ओर से दायर की गई दिवालिया प्रक्रिया चलाने के अपील को एनसीएलटी ने स्वीकार कर ली है.
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भारत की सबसे ऊंची बिल्डिंग में से एक सुपरनोवा
नोएडा के सेक्टर 94 में बन रहे सुपरटेक सुपरनोवा को उत्तर भारत का सबसे ऊंची बिल्डिंग बताई जाता है. सुपरनोवा परियोजना को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया को एनसीएलटी ने मंजूर कर लिया है. बताया जा रहा है कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र के करोड़ों का लोन भुगतान नहीं किया, जिसके बाद बैंक एनसीएलटी चली गई. बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ओर से दायर की गई याचिका पर एनसीएलटी ने दिवालिया प्रक्रिया चलाने की अपील स्वीकार कर ली. अब बिल्डर इसके खिलाफ एनसीएलटी में अपील करेगी.
दिवालिया प्रक्रिया शुरू
वहीं, एनसीएलटी ने अंजू अग्रवाल को इंटरिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) नियुक्त किया है, जो अब इस पूरे मामले को देखेंगी. लेकिन परियोजना की दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने के बाद करीब एक बायर्स फंस गए हैं. सुपरनोवा कॉमर्शियल और रेसिडेंशियल 2000 यूनिट बनाने थे, जिसमें पेंटहाउस और स्टूडियो अपार्टमेंट्स बने हैं. बताया कि रहा है कि परियोजना में अब तक लगभग एक हजार बायर्स को कब्जा मिल चुका है. जबकि एक हजार कब्जे का इंतेजार कर रहे हैं. वहीं अब तक इस परियोजना में केवल 10% फ्लैटों की ही रजिस्ट्री हुई है, ऐसे में एक हजार बायर्स दिवालिया प्रक्रिया शुरु होने के बाद फंस गए हैं.
फंसे हजारों बायर्स
सुपरनोवा परियोजना में चार टावर बनाये गए हैं. जिसमें नोवा ईस्ट जिसमें 48 फ्लोर बने हैं, नोवा वेस्ट जिसमें 48 फ्लोर बने हैं. एस्ट्रालिस टावर जिसमें 40 फ्लोर बने और स्पाइरा जिसमें 80 फ्लोर बनाया जाना है. हालांकि अबतक उसमें लगभग 70 फ्लोर बने हैं. करीबन 10 फ्लोर और बनाया जाना है. जिसके बाद ये उत्तर भारत का सबसे ऊंची बिल्डिंग होगी. स्पाइरा में अबतक लगभग 60% फ्लैटो की डिलीवरी हुई है. इस परियोजना में कई नामी सेलेब्रिटी और उद्योगपतियों ने निवेश किया है. फिलहाल अब दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने के बाद फ्लैट खरीदारों को आरपीआई की पास 14 से 90 दिनों में क्लेम दाखिल करना पड़ेगा.
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