UP News: बुजुर्ग यशोदा खाट पर बैठकर खाना बना रही हैं. चारों तरफ सन्नाटा पसरा है. सड़क का कोई निशान नहीं है. नीचे पानी ही पानी नजर आ रहा है. ये नजारा इस समय गोंडा के ग्रामीण इलाकों का है. विभन्न बैराजों से छोड़े गए पानी की वजह से गोंडा जिले में बाढ़ का कहर मचा हुआ है. घाघरा नदी खतरे के निशान से 91 सेमी ऊपर बहने लगी है. इसकी वजह से जिले के करनैलगंज और तरबगंज तहसील के 25 गांवों में बाढ़ ने तबाही मचा दी है. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. जिले के करीब 50 हजार लोग बाढ़ की वजह से बुरी तरह से प्रभावित हैं.
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आलम यह है कि तरबगंज तहसील के बेयोन्दा मांझा, दत्तनगर बहादुर पुर समेत अन्य गांवों के घरों में पानी भर गया है, जिससे अब तख्ते-चौकियों पर लोग खाना बनाने के लिए मजबूर हैं. बेयोन्दा गांव की रहने वाली यशोदा ने प्रशासन को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है. उनका कहना है कि इस मुश्किल समय में कोई भी उनकी समस्या और परेशानी को देखने नहीं आया. गांव के लोग काफी परेशान हैं. सभी किसी तरह से छपाई पर खाना बना कर जीवन बसर कर रहे हैं.
‘पशुओं को लेकर ऊंचे स्थानों पर चले गए ग्रामीण’
यशोदा का कहना है कि गांव के लोग अपने पशुओं को ऊंचे स्थान पर लेकर चले गए हैं, जिससे वह जिंदा रहें. नाव ही सहारा है. ग्रामीणों का भी कहना है कि बाढ़ लगातार तबाही मचा रही है. मगर सरकारी मदद नहीं मिल रही है. प्रशासन का कुछ अता-पता नहीं है. ग्रामीणों का ये भी कहना है कि बाढ़ की वजह से फसल तबाह हो गई हैं. चारों तरफ हमारी तबाही और नुकसान का मंजर है.
प्रशासन की तरफ से ये कहा गया
प्रशासन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगातार लोगों की सहायता की जा रही है. लोगों की मदद के लिए 128 नाव चलाई चलाई जा रही हैं. लगातार बाढ़ में फंसे लोगों को लंच पैकेट में वितरित किए जा रहे हैं.
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