22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तैयारियों जोरों-शोरों पर चल रही हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच राम मंदिर को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं की तरफ से भड़काऊ बयानबाजी लगातार जारी है. इस बीच यूपीतक की टीम वाराणसी पहुंची और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर काशी के मुसलमानों से बातचीत की.
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इकबाल नामक युवक ने बताया कि हमें सभी लोगों के साथ मिलकर रहना चाहिए था. हम सभी एक-दूसरे की भावनाओं को समझकर काम करते तो देश आगे बढ़ता. ऐसी बातें करने से सबका नुकसान है. नेताओं का तो ज्यादा नुकसान नहीं है, लेकिन आम जनता का ज्यादा नुकसान है और इसका असर हमपर ज्यादा पड़ेगा. देश में मंदिर और मस्जिद का तो कोई मु्द्दा ही नहीं होना चाहिए था, असल में मुद्दा बेरोजगारी, शिक्षा और नौकरी का होना चाहिए.
शकील अहमद नामक युवक ने बताया कि बीजेपी के एक सीनियर नेता ऐसी बातें करते हैं जहां कानून और न्याय है. राम जन्मभूमि-मस्जिद विवाद मामले में राम मंदिर के पक्ष में फैसला आया. उसके बाद यह फैसला हो गया कि अब बाबरी मस्जिद के अलावा अन्य मस्जिदों के बारे में बातें नहीं की जाएगी तो ऐसी बयानबाजी क्यों होती है.
वहीं, एक अन्य युवक ने बताया कि हमारा वाराणसी ऐसा क्षेत्र है जहां लोग मिल-जुलकर रहते हैं और नेताओं के ऐसे बयानबाजी से माहौल खराब होता है. उन्होंने नेताओं को भड़काऊ बयानबाजी देने से बचने की नसीहत दी है.
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