यूपी में जल्द ही 10 सीटों पर होगा विधानसभा उपचुनाव, जानें भाजपा और सपा में किसका पलड़ा भारी?

अभिषेक मिश्रा

• 09:16 AM • 28 Jun 2024

UP Byelection News: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद खाली हुईं कई विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर के चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं. यूपी में खाली हुई इन सीटों में समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई है.

Picture: CM Yogi Adityanath & Akhilesh yadav

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UP Byelection News: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद खाली हुईं कई विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर के चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं. यूपी में खाली हुई इन सीटों में समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई है. इस चुनाव में भाजपा अपनी साख बचाने की कोशिश के साथ मैदान में उतरेगी. जहां बीजेपी के लिए जीत बहुत जरूरी है, तो वहीं अपने गठबंधन साथियों को साधना भी एक बड़ी चुनौती हो सकती है. खाली हुई सीटों में एक सीट पर निषाद पार्टी के विधायक और एक सीट पर आरएलडी के विधायक थे, जिन पर दोनों दल अपना दावा ठोक रहे हैं.

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कितनी सीटों पर होगा उपचुनाव?

देखने वाली यह बात है कि 9 विधानसभा सदस्यों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद सीटें खाली हो गई थीं. जबकि कानपुर के सीसामऊ से सपा विधायक इरफान सोलंकी को एक आपराधिक मामले में जेल की सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में इनमें से 5 सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थीं, जबकि 1 सीट राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) को मिली थी, जो तब एसपी के साथ गठबंधन में थी और अब एनडीए का हिस्सा है. तीन सीटें बीजेपी को मिली थीं और एक सीट बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी के खाते में गई थी.

संजय निषाद ने कही ये बात

भले ही आंकड़ों से लिहाज से इस चुनाव की जीत बीजेपी और सपा को सदन में कोई खास बढ़त नहीं देने वाली है, लेकिन इसके सियासी मायने बड़े हैं. इस बार उपचुनाव भले ही मात्र 10 सीटों पर हो रहा हो, पर इनके नतीजों का असर पक्ष और विपक्ष दोनों के मनोबल पर जरूर पड़ेगा. वहीं, बीजेपी के सहयोगी भी इस चुनाव में अपनी हिस्सेदारी देख रहे हैं. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद का कहना है कि उनकी पार्टी की विधानसभा चुनाव में जो सीट थी उस पर वह उपचुनाव भी लड़ेगी. सहयोगियों का मानना है कि भाजपा बहुत अच्छे से गठबंधन धर्म निभाना जानती है.

रालोद ने की ये मांग

वहीं, यूपी तक से बातचीत में आरएलडी प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि पार्टी अपनी एक सीट पर तो चुनाव लड़ेगी ही, वहीं एक और सीट की भी उम्मीद रखती है. उन्होंने कहा कि आरएलडी का जनाधार पिछले चुनाव में बड़ा है और इससे बीजेपी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़ी मदद मिली है. वहीं निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी एक सीट पर अपने ही प्रत्याशी को बढ़ाने की बात पहले कह चुके हैं.


भाजपा के लिए क्यों जरूरी है ये उपचुनाव?

दूसरी तरफ बीजेपी इन उपचुनाव को महत्वपूर्ण बताती है. भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि हाल के लोकसभा चुनाव में रह गई कसर को पूरा करना इस चुनाव में पार्टी का सबसे बड़ा संकल्प है, जिसके लिए जिताऊ कैंडिडेट इन सभी 10 सीटों पर उतारे जाएंगे. सीटों पर पार्टी का उम्मीदवार हो या सहयोगी यह फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा, लेकिन NDA की जीत सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी. 

बता दें कि ये उपचुनाव इंडिया एलायंस के अपने जीत के सिलसिले को बनाए रखने के लिए भी चुनौतीपूर्ण है. इस मामले पर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव से उत्साहित पार्टी यूपी चुनाव की 10 सीटों पर तैयारी शुरू कर चुकी है और संगठन भी मजबूत किया है. समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव की तरह ही जनता के मुद्दों के साथ इन उपचुनाव में भी जीत हासिल करने जा रही है और बीजेपी को भी उपचुनाव में हर का सामना करना पड़ेगा.
 

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