क्या 2027 में योगी आदित्यनाथ पर भारी को पड़ेंगे अखिलेश यादव? राजदीप सरदेसाई ने ये बताया

यूपी तक

01 Jul 2024 (अपडेटेड: 01 Jul 2024, 12:08 PM)

UP Politics: सपा चीफ अखिलेश यादव और अयोध्या-फैजाबाद सीट से सपा सांसद अवधेश प्रसाद लोकसभा चुनाव में भी साथ-साथ नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि अखिलेश 2027 में अपने पीडीए फॉर्मूले को आगे बढ़ा रहे हैं. अब इसी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने बड़ी बात कही है.

Rajdeep Sardesai

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UP Politics: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को लोकसभा चुनाव-2024 में उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत मिली है. यहां तक की अखिलेश ने अयोध्या-फैजाबाद लोकसभा सीट से अवधेश प्रसाद को खड़ा कर वह सीट भी जीत ली है. लोकसभा में भी अखिलेश यादव के साथ हर समय फैजाबाद-अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद को ही देखा जा रहा है. यहां तक की लोकसभा में भी अवधेश प्रसाद और अखिलेश साथ-साथ ही बैठ रहे हैं.

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राजनीतिक जानकारों की माने तो अखिलेश यादव बड़ा संदेश देने की लगातार कोशिश कर रहे हैं. दरअसल लोकसभा चुनावों में अखलिश यादव द्वारा बनाए गए पीडीए (PDA) यानी पिछड़ा-दलित और अल्पसंख्यक फॉर्मूले को बड़ी सफलता हाथ लगी है. माना जा रहा है कि अब अखिलेश का अगला निशाना साल 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव हैं और वह पीडीए फॉर्मूला को ही आगे बढ़ाना चाहते हैं. 

ऐसे में जब इंडिया टुडे के वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई से अखिलेश की 2027 की रणनीति और पीडीए को लेकर सवाल हुआ तो उन्होंने बड़ी बात कही.

क्या कहा राजदीप सरदेसाई ने?

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कहा, अखिलेश यादव को पीडीए के तौर पर अपना सक्सेस फॉर्मूला मिल गया है. अखिलेश यादव 2027 के चुनाव में पीडीए यानी दलित-पिछड़ा-अल्पसंख्यक को लेकर अवश्य चलेंगे. अवधेश प्रसाद जिस तरह से अयोध्या में जीते हैं, वहां उनकी जीत काफी मायने रखती हैं. वह दलित समाज से भी आते हैं. ऐसे में अखिलेश यादव नैरेटिव सेट करेंगे कि वह यादव-मुस्लिम की ही राजनीति नहीं करते. बल्कि उनकी राजनीति में दलित भी हैं.

राजदीप सरदेसाई ने आगे कहा, 2027 के चुनाव में अभी काफी समय है. हर चुनाव की परिस्थितियां अलग होती हैं. अवधेश प्रसाद अयोध्या से जीते हैं. अब अखिलेश कह सकते हैं कि वह दलितों के साथ भी हैं. ये अखिलेश यादव की सोची समझी रणनीति है. 

उन्होंने कहा कि हर चुनाव में अलग-अलग मुद्दे होते हैं. फिलहाल यूपी विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग होंगे और सामने मुख्यमंत्री योगी का चेहरा भी है. ऐसे में फिलहाल अखिलेश को जितनी सफलता अभी मिली है, उतनी 2027 में मिल पाएगी, ये कहना अभी मुश्किल है.

 

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