SP एमएलसी पम्पी जैन सहित अन्य इत्र कारोबारियों पर छापा, यूपी से लेकर दिल्ली-मुंबई तक ऐक्शन

भाषा

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आयकर विभाग ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (एसपी) के एक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पम्पी जैन सहित कुछ इत्र व्यापारियों से जुड़े कई परिसरों और अन्य स्थानों पर कर चोरी की जांच के तहत छापेमारी की. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, कन्नौज, कानपुर, सूरत, मुंबई और कुछ अन्य स्थानों में फैले लगभग 30-40 परिसरों की तलाशी अभियान के तहत ली जा रही है.

अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलेानी की आवासीय इमारत और मुंबई स्थित करीब 12 परिसरों में छापेमारी की कार्रवाई की गई. उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले की गई कार्रवाई की वजह से इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. एसपी ने आरोप लगाया है कि तलाशी अभियान ‘‘भाजपा सरकार’’द्वारा शुरू किया गया है.

एसपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट में दावा किया कि उसके विधान परिषद सदस्य पुष्पराज उर्फ ​​पम्पी जैन के कन्नौज स्थित परिसरों पर छापेमारी की गई है. जैन कारोबारी हैं और इत्र उत्पादन तथा अन्य कारोबार में भी शामिल हैं. एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज स्थित पार्टी मुख्यालय में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत संवाददाता सम्मेलन को संबोधित भी किया और छापेमारी और अन्य मुद्दों पर बात की.

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एसपी ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से, कार्रवाई को ‘‘भयभीत भाजपा द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का खुला दुरुपयोग’’ करार दिया और कहा कि अखिलेश यादव द्वारा कन्नौज में मीडिया सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा के बाद छापे मारे गए. अखिलेश यादव ने हाल में जैन द्वारा उत्पादित एक इत्र ‘समाजवादी इत्र’ पेश किया था. वहीं, सरकार ने छापेमारी की कार्रवाई के पीछे राजनीतिक मंशा होने से इनकार किया.

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आयकर विभाग ने छापेमारी की कार्रवाई की है, क्योंकि उनके पास ‘‘कार्रवाई करने योग्य सूचना थी.’’ उन्होंने बताया कि विभाग ने छापेमारी शुरू करने से पहले देश में इस क्षेत्र (इत्र उद्योग) से जुड़ी जानकारी जुटाई थी. उन्होंने बताया कि आयकर अधिकारियों को तलाशी के दौरान ‘‘असंबंद्ध जानकारी’’ मिली है, लेकिन उन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है क्योंकि कार्रवाई चल रही है.

सूत्रों ने कहा कि कन्नौज में एक और इत्र कारोबारी और कानपुर में एक कारोबारी के यहां भी छापेमारी की गई. उन्होंने दावा किया कि ऐसे दस्तावेज और सबूत मिले हैं कि 150 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी की गई है.सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने माल और सेवा कर (जीएसटी) विभाग से इत्र व्यवसाय करने वाली इकाइयों और अन्य द्वारा कथित रूप से फर्जी ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ का दावा करके संभावित आयकर चोरी के बारे में विवरण प्राप्त करने के बाद कार्रवाई शुरू की.

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केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के तहत काम करने वाली जांच एजेंसी- माल एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने हाल में कानपुर और कन्नौज में शिखर पान मसाला, एक ट्रांसपोर्टर और अन्य के खिलाफ छापेमारी की थी. मामले में इत्र व्यापारी पीयूष जैन को गिरफ्तार किया गया और 197 करोड़ रुपये से अधिक नकद धन राशि के अलावा 26 किलोग्राम सोना और भारी मात्रा में चंदन का तेल जब्त किया गया.

पीयूष जैन और पुष्पराज जैन के आवासीय परिसर कन्नौज में महज कुछ मीटर की दूरी पर हैं.

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अखिलेश यादव ने इससे पहले आरोप लगाया था कि जैन पर गलती से छापेमारी की कार्रवाई की गई और वास्तव में उनकी पार्टी के एमएलसी निशाने पर थे, जिनका उपनाम भी समान है और उसी सड़क पर रहते हैं. सीतारमण ने इस आरोप को भी खारिज करते हुए कहा कि छापेमारी की कार्रवाई सही पते पर की गई.

उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधीन काम करता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कानपुर में एक रैली के दौरान नकदी जब्ती को लेकर एसपी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा था कि ‘‘2017 से पहले भ्रष्‍टाचार का जो इत्र उन्होंने पूरे उत्तर प्रदेश में छिड़क रखा था, वह फिर सबके सामने आ गया है.’’

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