गोरखपुर: न‍िकाय चुनाव के ल‍िए OBC की गिनती के लिए रैपिड सर्वे पूरा, अब तय होगा आरक्षण

रवि गुप्ता

• 10:09 AM • 07 Nov 2022

उत्तर प्रदेश में अब कभी भी नगर निकाय चुनावों का ऐलान हो सकता है. निकाय चुनावों (Uttar Pradesh Nikay chunav news) को यूपी में 2024…

UPTAK
follow google news

उत्तर प्रदेश में अब कभी भी नगर निकाय चुनावों का ऐलान हो सकता है. निकाय चुनावों (Uttar Pradesh Nikay chunav news) को यूपी में 2024 के लोकसभा चुनावों के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है. वहीं गोरखपुर में भी निकाय चुनाव की तैयारियां की जा रही है. वार्डों के परिसीमन के बाद नगर निगम ने रैपिड सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है. इस सर्वे के अनुसार वार्ड संख्या 42 महाराणा प्रताप नगरमें सर्वाधिक 7730 अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग मिले, वहीं सबसे कम संख्या नगर निगम के वार्ड संख्या 79 में 167 मिले है.

यह भी पढ़ें...

नगर निगम निर्वाचन के लिए अन्य पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों की संख्या निर्धारित करने के लिए रविवार को रैपिड सर्वेक्षण पूरा हुआ. इस सर्वेक्षण में सभी 80 वार्ड में 2 लाख 56 हजार 270 व्यक्तियों को चिन्हित किया गया है.

अब प्रशासन ने वार्डवार आंकड़ों का प्रकाशन करते हुए 8 नवम्बर की शाम पांच बजेतक आपत्तियां मांग लिया है. नगर आयुक्त अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि आपत्तियाँ नगर आयुक्त कार्यालय में ली जाएंगी. वहीं उपनगर आयुक्त संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक मतदाता सूची में संशोधन और आपत्तियोंको दर्ज कराने के लिए सोमवार को यानि की आज आख़िरी मौक़ा है. मंगलवार 8 नवबंर से दावों और आपत्तियों का निस्तारण शुरू होजाएगा जो 12 नवम्बर तक चलेगा. उसके बाद रिपोर्ट शासन को भेजा जाएगा.

उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि किसी नागरिक या संभावित प्रत्याशी कोमतदाता सूची के संबंध में किसी भी तरह की शिकायत दर्ज करानी है तो उनके कार्यालय में शाम 4 से 5 बजे तक दर्ज करा सकता है.

एससी/एसटी का आँकड़ा जनगणना 2011 के अनुसार

उप नगर आयुक्त संजय शुक्ला ने बताया कि जब राष्ट्रीय स्तर का जनगणना होती है तो उसमें समस्त जनसंख्या को गिन लिया जाता है.उसी दौरान एससी/एसटी वर्ग के लोगों का जनगणना उसी दौरान अलग से हो जाता है. लेकिन जब उत्तर प्रदेश में चुनाव होता है, जैसे नगर निकाय का चुनाव तो उसमें ओबीसी वर्ग को भी आरक्षण दिया जाता है, वह आँकड़ा जनगणना में नहीं रहता है. इसी के लिए शासन रैपिड सर्वे करवाता है, जो सिर्फ़ चुनाव के लिए होता है. इसलिए सर्वे करा लिया गया है. अब दावा और आपत्ति कीसुनवाई होगी, उसके निस्तारण के बाद इसको शासन को भेज दिया जाएगा.

    follow whatsapp