UP News: कानपुर में बिल्हौर के नाना मऊ घाट में 6 दिन पहले गंगा में डूबे स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह का अभी तक कुछ पता नहीं चला है. छठवें दिन भी शव की खोजबीन जारी है. मगर शव गोताखोरों के हाथ नहीं लगा है. दूसरी तरफ डूबते समय उनको बचाने के लिए 10 हजार रुपये की मांग करने वाले गोताखोरों को भी पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया है. पुलिस का कहना है कि अगर परिजनों द्वारा शिकायत की जाएगी तो कार्रवाई की जाएगी.
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गोताखोर ने मांगे थे 10 हजार रुपये
आपको बता दें कि कानपुर के बिल्हौर इलाके में नाना मऊ घाट पर शनिवार को अपने दो दोस्तों के साथ नहाने पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह नहाते समय गंगा में डूब गए थे. डूबने से पहले उनकी फोटो भी सामने आई है.
इस दौरान जब वह डूब रहे थे तो उनके दोस्तों ने राकेश और सुशील नाम के गोताखोरों से कहा था कि वह दोनों उन्हें बचा ले. लेकिन गोताखोरों ने तभी 10 हजार रुपये की मांग कर दी. दोस्तों के पास रुपये नहीं थे. दोनों ने किसी तरह 10 हजार रुपये ऑनलाइन दिए. मगर तब तक आदित्यवर्धन गंगा में समा चुके थे.
नहीं मिल रहा शव
आपको बता दें कि आदित्य की पत्नी महाराष्ट्र में जज हैं तो वहीं उनके चचेरे भाई बिहार में नीतीश कुमार के विशेष सचिव हैं. पिताजी और बहन विदेश में रहते हैं. पिछले 6 दिनों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ पीसीएस के गोताखोर शव को खोजने में लगे हुए हैं. मगर कोई सफलता नहीं मिल रही है. ऐसे में अब सर्च अभियान बंद कर दिया गया है.
पुलिस का कहना है कि 5 दिन के बाद शव गंगा के ऊपर आ गया होगा. ऐसे में हो सकता है कि शव गंगा के किनारे किसी चीज में फंस गया हो. ऐसे में अब पुलिस और पीएसी के जवान लगभग 40 किलोमीटर लंबे गंगा के तट पर झाड़ियां में बॉडी को खोज रहे हैं.
एसीपी ने ये बताया
एसीपी ने कहा, गोताखोरों के खिलाफ परिजनों ने शिकायत नहीं की है. अगर शिकायत होगी तो कार्रवाई की जाएगी.
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