बहराइच में 7 साल के राहुल को भेड़िए ने बनाया था पहला शिकार, जान बची पर अंदर बैठ गया ऐसा डर!

कुमार अभिषेक

29 Aug 2024 (अपडेटेड: 29 Aug 2024, 01:33 PM)

बहराइच के औराही गांव में भेड़ियों के हमले ने दो मासूम बच्चों को गंभीर रूप से घायल कर दिया. इन हमलों ने गांव में भय फैला दिया है और बच्चों पर मानसिक असर छोड़ा है.

Bahraich Wolf Attack

Bahraich Wolf Attack

follow google news

Bahraich Wolf Attack News: बहराइच के औराही गांव में भेड़ियों के हमले ने दहशत फैला दी है. दो मासूम बच्चों पर हुए इन हमलों से पूरे गांव में भय व्याप्त है. पहला हमला सात साल के फिरोज पर करीब डेढ़ महीने पहले हुआ था. फिरोज अपनी मां के साथ घर के बरामदे में सो रहा था. तब आधी रात को एक भेड़िया वहां घुसा और उसकी गर्दन को दबोचकर उसे खींचते हुए खेतों में ले गया.

यह भी पढ़ें...

उसकी मां ने अपने बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रही. गांव वालों ने शोर सुना और इकट्ठे हुए, तब भेड़िया फिरोज को गांव के पास छोड़कर भाग गया. लहूलुहान फिरोज को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां 13 दिनों तक इलाज के बाद उसकी जान बची. हालांकि, उसके चेहरे, गर्दन, सिर, कान, पीठ, और छाती पर भेड़िए के काटने के निशान आज भी मौजूद हैं, और वह बच्चा भेड़िए के नाम से ही डर जाता है. 

 

 

इससे पहले, औराही गांव में सबसे पहला हमला 7 साल के राहुल पर इसी साल मार्च में हुआ था. राहुल अपनी मां की गोद में सो रहा था जब एक भेड़िया उसे खींचकर ले गया. राहुल के चाचा ने बच्चों की चीखें सुनीं और भेड़िए का पीछा किया. भेड़िया खेत की तरफ भाग रहा था, लेकिन वह घर के पीछे लगे एक जाल में फंस गया और बच्चे को छोड़कर भाग गया. राहुल भी गंभीर रूप से घायल हुआ था और उसे भी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी जान बचाई गई. 

इन घटनाओं ने दोनों बच्चों और उनके परिवारों पर गहरा मानसिक असर डाला है. अब राहुल और फिरोज दोनों अपनी मां की गोद नहीं छोड़ते और घर से बाहर जाने से डरते हैं. उनके शरीर पर आज भी भेड़ियों के हमले के निशान मौजूद हैं, जो इस भयावह घटना की याद दिलाते हैं. 

    follow whatsapp