नौकरी मिलते ही बदायूं DM-केंद्रीय मंत्री से नाश्ते को लेकर बहस करने लगा लेखपाल, अब खतरे में जॉब

अंकुर चतुर्वेदी

14 Jul 2024 (अपडेटेड: 14 Jul 2024, 08:41 AM)

Budaun: कभी-कभी ज्यादा होशियारी और ज्यादा बोलना काफी भारी पड़ जाता है. बदायूं में एक लेखपाल के साथ यही हुआ. नियुक्ति पत्र मिले लेखपाल साहब को अभी 20 मिनट भी नहीं हुए थे कि उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया, जो अब उनकी नौकरी तक पर बात आ गई.

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UP News: कभी-कभी ज्यादा होशियारी और ज्यादा बोलना काफी भारी पड़ जाता है. बदायूं में एक लेखपाल के साथ यही हुआ. नियुक्ति पत्र मिले लेखपाल साहब को अभी 20 मिनट भी नहीं हुए थे कि उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया, जो अब उनकी नौकरी तक पर बात आ गई.

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दरअसल बीते 10 जुलाई यानी बुधवार के दिन प्रदेश सरकार ने लेखपालों को नियुक्ति पत्र दिए. बदायूं में भी 118 लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए. बकायदा इसके लिए कार्यक्रम आयोजित करवाया गया, जिसमें केंद्रीय राज्यमंत्री बी एल वर्मा और बदायूं जिलाधिकारी मनोज कुमार भी मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री और डीएम ने सभी को नियुक्ति पत्र दे दिए. तभी एक लेखपाल गुस्से में उठकर आया और नाश्ता कर रहे केंद्रीय मंत्री और डीएम पर भड़क गया.

लेखपाल ने केंद्रीय मंत्री और DM के नाश्ता करने पर उठा दिए सवाल

दरअसल नियुक्ति कार्यक्रम के बाद केंद्रीय मंत्री और जिलाधिकारी समेत प्रशासन के लोग नाश्ता करने लगे. तभी वहां लेखपाल महेंद्र सिंह आ गया. महेंद्र सिंह को नियुक्ति पत्र मिले अभी 30 मिनट भी नहीं हुए थे. मगर उसने केंद्रीय मंत्री और जिलाधिकारी को भी सुना दिया.

लेखपाल महेंद्र सिंह पक्षपात का आरोप लगाते हुए बोला कि हम सब भूखे हैं और आप लोग खुद नाश्ता कर रहे हो. लेखपाल आगे बोला खुद निष्पक्ष नहीं हैं और हम से निष्पक्ष होने की उम्मीद की जा रही है. ये सुनते ही सभी अधिकारी और जनप्रतिनिधि एक दूसरे का मुंह देखने लगे. उस दौरान तो किसी ने भी लेखपाल से कुछ नहीं बोला. मगर जाते-जाते जिलाधिकारी ने लेखपाल को अनुशासन में रहने की हिदायत दे डाली. मगर लेखपाल फिर भी बाज नहीं आया और वह डीएम से ही बहस करने लगा.

बता दें कि लेखपाल का ये व्यवहार देख जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर को कहा कि लेखपाल का आचरण कर्मचारी नियमावली के खिलाफ है और इसको नोटिस जारी किया जाए. माना जा रहा है कि नोटिस दिए जाने के बाद लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

किया जाएगा सेवा समाप्ति पर विचार- एसडीएम

इस पूरे मामले पर एसडीएम सदर एमपी सिंह ने बताया, बुधवार 10 जुलाई को कलक्ट्रेट में लेखपालों को नियुक्ति पत्र वितरण के बाद केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और डीएम मनोज कुमार आपस में बात कर रहे थे. तभी नवचयनित लेखपाल महेंद्र सिंह नियमों के खिलाफ जाकर वहां आ गया और अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों से विवाद करने लगा. लेखपाल को स्पष्टीकरण के लिए दो दिन का समय दिया गया है. अगर लेखपाल की तरफ से जल्द कोई जवाब नहीं आय़ा तो उसकी सेवा समाप्ति पर भी गंभीरता से विचार किया जाएगा.
 

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