Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की सिद्धार्थनगर एक मंदिर मे स्थापित भगवान की प्रतिमा खंडित करने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने मुताबिक, प्रतिमा खंडित करने वाला कोई और नहीं बल्कि मंदिर का पुजारी ही है. पुजारी ने मूर्ति तोड़ने का आरोप पड़ोस के दो लड़कों पर लगाया था, जो मुस्लिम समुदाय से हैं. पुजारी की उनसे आपसी रंजिश थी इसलिए उन्हें फंसाने के लिए पुलिस में लड़कों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. लेकिन छानबीन में पुजारी की पोल खुल गई.
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पुजारी ने खुद तोड़ी थी मुर्तियां
दरअसल, पूरा मामला सिद्धार्थनगर जिले के थाना कठेला समयमाता क्षेत्रान्तर्गत ग्राम तौलिहवा का है. यहां कुछ दिनों अज्ञात शख्स द्वारा मंदिर की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. इसको लेकर इलाके के लोगों में रोष व्याप्त हो गया था. पुजारी क्रिचराम ने दो लड़कों- मन्नान और सोनू पर आरोप लगाया था. पुजारी ने दावा किया कि दोनों लड़कों ने यहां पूजा-कीर्तन नहीं होने की धमकी दी थी. लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी आदि से छानबीन शुरू की तो पता चला कि घटना वाले समय मंदिर के आसपास पुजारी के अलावा कोई और शख्स नहीं था. सिर्फ कुछ छोटे बच्चे खेल रहे थे.
पुलिस ने की जांच से खुली पोल
उन बच्चों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मूर्तियों को पुजारी द्वारा ही तोड़ा गया है. जिसके बाद पुलिस ने पुजारी क्रिचराम को हिरासत में लिया और गहनता से पूछताछ की. पुलिस की सख्ती से क्रिचराम टूट गया और उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. पुजारी क्रिचराम ने पुलिस को बताया कि मन्नान और सोनू के परिवारवालों से उसका झगड़ा चलता रहता था. उनसे परेशान होकर वो दोनों लड़कों को फंसाना चाहता था. इसलिए खुद ही मूर्ति तोड़कर मन्नान और सोनू का नाम लगा दिया. पुलिस में फर्जी रिपोर्ट लिखाई थी.
वहीं इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए सिद्धार्थनगर के सीओ दरवेश कुमार ने बताया कि, 'आरोपी पुजारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है. मौके पर शांति-व्यवस्था कायम है.'
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