UP By-election: अयोध्या के मिल्कीपुर में भी होगा उपचुनाव, इन 9 सीटों पर भाजपा या सपा कौन भारी?

आशीष श्रीवास्तव

14 Jun 2024 (अपडेटेड: 14 Jun 2024, 09:17 AM)

UP By-election: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद एक और सियासी युद्ध की पिच तैयार हो गई है. असल में यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर अब उपचुनाव होना है.

Picture: CM Yogi Adityanath & Akhilesh yadav

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UP By-election: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद एक और सियासी युद्ध की पिच तैयार हो गई है. असल में यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर अब उपचुनाव होना है. सपा और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन के हाथों यूपी में हार झेलने के बाद बीजेपी और एनडीए ने उपचुनाव को लेकर फोकस कर दिया है. उधर अखिलेश यादव भी लोकसभा विक्ट्री के मोमेंट को बरकरार रखना चाहते हैं. BJP अपनी खोई हुई ज़मीन वापस पाने के लिए यूपी में पूरी कोशिश करने जा रही है. इस चुनाव में सबसे ख़ास आयोध्या की मिल्कीपुर सीट भी होगी, जहां से सपा के अवधेश प्रसाद विधायक थे और जीत कर सांसद बने हैं. फैजाबाद सीट से अयोध्या प्रसाद ने बीजेपी के लल्लू सिंह को 54 हजार 567 वोटों के अंतर से हराया है और ये सीट चर्चा का विषय बनी हुई. 

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ऐसे में बीजेपी मिल्कीपुर में जीत की कोशिश में है, ताकि फैजाबाद हार का डैमेज कंट्रोल किया जा सके. इसके अलावा मैनपुरी ज़िले की करहल सीट भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से खुद अखिलेश यादव विधायक थे. अम्बेडकर नगर से लोकसभा का चुनाव जीतने वाले सपा के लालजी वर्मा भी कटेहरी से विधायक थे. मुरादाबाद के कुंदरकी से जियाउर्रहमान बर्क विधायक थे, जो इस चुनाव में सांसद बन चुके हैं. यानी इन चार सीटों  पर सपा के सामने अपनी जीत को बरकरार रखने की चुनौती होगी. 

NDA के पास हैं पांच सीटें

इन 9 सीटों में पांच सीटें बीजेपी और एनडीए सहयोगियों के पास हैं. गाजियाबाद से विधायक अतुल गर्ग, हाथरस से विधायक अनूप वाल्मीकी, फूलपुर से प्रवीण पटेल, मझवां से विनोद बिंद और मीरापुर से विधायक चंदन चौहान अब सांसद बन चुके हैं. एनडीए के सामने चुनौती है कि कैसे वो अपनी ये पांच सीटें बचाए. 

क्रॉस वोटिंग करने वाले सपा विधायकों का क्या होगा? 

इसी साल फ़रवरी में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 समाजवादी पार्टी के विधायकों पर भी तलवार लटक रही है. इसमें से मनोज पाडेंय ऊंचाहार से, राकेश पांडेय जलालपुर, अभय सिंह गोसाईंगंज, राकेश प्रताप सिंह गौरीगंज, विनोद चतुर्वेदी कालपी और पूजा पाल चायल से विधायक हैं. 

माना जा रहा है समाजवादी पार्टी इन सीटों पर पूरी तरीक़े से अपना दमख़म दिखाएंगी क्योंकि वह इन विधायकों को माफ़ करने के मूड में नहीं है. अगर समाजवादी पार्टी इन बाग़ी विधायकों के ख़िलाफ़ अयोग्यता याचिका दायर करती है और विधानसभा अध्यक्ष उन्हें अयोग्य घोषित कर देते हैं, तो यहां भी उपचुनाव कराना पड़ेगा.

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