UP Weather Forecast: उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में हुई हल्की से लेकर तेज बारिश ने मौसम का मिजाज काफी हद तक ठीक किया है. हालांकि लोगों को अभी भी मॉनसून में होने वाली बारिश की झड़ी का इंतजार है. खासकर यूपी के उन किसानों को जिन्हें अपनी धान की खेती की चिंता है. मॉनसून की झमाझम बारिश के बगैर धान की खेती लायक अनुकूल माहौल बनना संभव नहीं है. इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देश में दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून की रफ्तार को लेकर नया अपडेट जारी किया है.
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लेटेस्ट सैटेलाइट इमेज में देखिए बारिश का हाल
IMD के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर यूपी समेत देश के अलग-अलग इलाकों में बारिश को लेकर जानकारी दी गई है. इसमें लेटेस्ट सैटेलाइट इमेज से ये दिखाने की कोशिश की गई है कि आखिर कहां बारिश होने की संभावना है. आप इस ट्वीट को यहां नीचे देख सकते हैं.
इसके मुताबिक, 'हाल ही में सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि अगले 3 घंटों के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा, कभी-कभी तीव्र बौछारें, गरज के साथ छींटे, बिजली चमकने और तेज़ हवाएं चलने की संभावना है. इसी दौरान विदर्भ और उससे सटे उत्तरी तेलंगाना, पूर्वी तेलंगाना, रायलसीमा, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व राजस्थान, पूर्वी बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा, छिटपुट गरज के साथ छींटे, बिजली चमकन और तेज़ हवाएं चलने की संभावना है.'
दक्षिणी-पश्चिमी मॉनूसन का यूपी को लेकर क्या है रुख?
मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में 11 जून को पहुंचने और कई दिनों तक ठहर जाने के बाद रविवार को दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून आगे बढ़ गया है. आईएमडी ने अपने मौसम बुलेटिन में बताया है कि, 'दक्षिण-पश्चिमी मानसून अरब सागर, गुजरात राज्य के कुछ और हिस्सों, महाराष्ट्र के शेष हिस्से, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ और हिस्से, ओडिशा के शेष हिस्से और झारखंड के कुछ हिस्से में आगे बढ़ गया है.'
अगले 3-4 दिनों में यूपी के लिए स्थितियां अनुकूल
मौसम विभाग की बुलेटिन में बताया गया हैकि अगले तीन-चार दिन के दौरान मॉनसून के उत्तरी अरब सागर, गुजरात राज्य के कुछ और हिस्सों, मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के शेष हिस्सों, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों की ओर बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.
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